सिसोदिया का पीए बनकर नेता जी से ऐंठे पैसे! ‘डिजिटल स्वैग’ देख चकरा गई पुलिस

शकील सैफी
शकील सैफी

कुछ ठगों के लिए मोबाइल नंबर सिर्फ कॉलिंग का ज़रिया नहीं, बल्कि कमाई का हथियार होता है। पंजाब के पटियाला में पुलिस के हत्थे चढ़ा एक ऐसा ही “डिजिटल जुगाड़ू” जिसने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का पुराना बंद नंबर फिर से चालू करवाया और खुद को उनका PA बताकर अफसरों और नेताओं से पैसे ठगने लगा

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फर्जी पहचान का फुल प्लान – पहले सिसोदिया का PA, फिर CBI अफसर

ठग ने मनीष सिसोदिया की पहचान को ऐसा ‘कैश’ किया जैसे कोई OTT सीरीज़ का स्क्रिप्ट हो। जब उसकी ये स्कीम उजागर हुई तो पुलिस हैरान रह गई — आरोपी पहले भी खुद को CBI अधिकारी बताकर ठगी कर चुका है
अब जरा सोचिए, इस बंदे के पास कितनी “बहुरूपिया स्किल्स” होंगी!

पटियाला पुलिस का एक्शन – पूछताछ में खुला Pandora Box

पुलिस ने आरोपी को एक अन्य केस में गिरफ्तार किया था, लेकिन जैसे ही पूछताछ शुरू हुई, असली ‘कहानी’ बाहर आने लगी। उसने कबूल किया कि वह मनीष सिसोदिया का पुराना नंबर एक्टिव कर नेताओं, मंत्रियों और सरकारी अफसरों को कॉल और मैसेज भेजकर पैसे की डिमांड करता था

“सर, सिसोदिया जी का PA बोल रहा हूं…” – और सामने वाला तुरंत लाइन में!

सोचिए, जब फोन उठते ही सामने वाला कहे – “सर, मनीष जी के ऑफिशियल PA बोल रहा हूं, ज़रा मदद कर दीजिए…”
तो कौन मना करेगा?

लेकिन, अब जब इस स्क्रिप्ट के पीछे की सच्चाई सामने आई है, तो अफसरों से लेकर आम जनता तक — सब समझ गए कि हर कॉल करने वाला “बड़ा आदमी का आदमी” नहीं होता!

कानूनी कार्रवाई शुरू, साइबर क्राइम को लेकर नई चेतावनी

पंजाब पुलिस ने आरोपी के खिलाफ फर्जी पहचान, ठगी और साइबर क्राइम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
साथ ही, पुलिस ने चेतावनी दी है कि पुराने नंबर को फिर से एक्टिवेट करके ठगी के मामले बढ़ रहे हैं, और जनता को ऐसे कॉल्स से सतर्क रहना चाहिए।

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क्या सीख मिलती है इस घटना से?

  • बंद हुए VIP नंबरों को किसी के नाम से दोबारा एक्टिव करवाना खतरनाक हो सकता है।

  • हर कॉल पर ‘साहब का आदमी’ मान लेने की आदत से बचिए।

  • डिजिटल ठग अब पुराने तरीकों से ज्यादा “इमोशनल स्क्रिप्टिंग” में माहिर हैं।

“देश में नौकरी भले न हो, लेकिन फर्जी पहचान वालों के लिए ‘सिसोदिया’ का पुराना नंबर ही काफी है!”

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